मौषम के अनुसार शेड में आवाश का प्रबंधन बहुत ही
आवश्यक है। जिससे मौषम में परिवर्तन होने से बकरियो पर मशम का प्रभाव ना पड़े,
(1) गर्मी
(2) ठण्ड
(3) बरसात
(1)गर्मी=
# बकरियो को गर्मी से बचने के लिए शेड की ऊँचाई 10 से 11 फिट होना कजहिये,
# अगर आप का शेड टिन चद्दर का बना ही तो शेड
के ऊपर घास डाले,
# फार्म में पंखे की व्यवशता करे।
# उचित ventilation व्यवस्था कर
# पीने के लिए ठंडा जल रखे
# महीने में एक बार बकरियो को निहाल दे
आवश्यक है। जिससे मौषम में परिवर्तन होने से बकरियो पर मशम का प्रभाव ना पड़े,
(1) गर्मी
(2) ठण्ड
(3) बरसात
(1)गर्मी=
# बकरियो को गर्मी से बचने के लिए शेड की ऊँचाई 10 से 11 फिट होना कजहिये,
# अगर आप का शेड टिन चद्दर का बना ही तो शेड
के ऊपर घास डाले,
# फार्म में पंखे की व्यवशता करे।
# उचित ventilation व्यवस्था कर
# पीने के लिए ठंडा जल रखे
# महीने में एक बार बकरियो को निहाल दे
ठण्ड
यह मौषम बकरियो के लिए काफी खतरनाक होता है,
इस मौषम में बकरियो की देख भाल करना काफी जरूरी होता है।
यह मौषम खाश तोर पर बच्चो के लिए ज्यादा नुकसान दायक होता है,
ठण्ड से बचने के लिए सेड में उचित व्यावश्ता करे
# सेड में हेलोजन , बल्ब, लगवाए
# तिरपाल ,थैलिया, से ventilation पैक कर देवे,
# नीचे फर्श पर सूखा भूषा डाल देवे,
#
बरसात=
बरसात के मौषम में बकरिया सब से ज्यादा नमी की वजह से बीमार होती है,
# बरसात के मौषम में बकरियो को गिला होने से बचाये
# नीचे का फर्श गिला होने पर चुने का छिड़काव करें, पंखा लगवाए,
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें