512 KG प्याज बेचने के लिए किया 70 Km का सफर, मिले सिर्फ 2 रुपये ।


महाराष्ट्र के सोलापुर में रहने वाले किसान राजेंद्र चव्हाण ने 500 किलो प्याज उगाया था. 
लेकिन बाज़ार में उन्हें महज़ 1 रुपये प्रति किलो का भाव मिला. ट्रांसपोर्ट, मजदूरी और माल ढुलाई की कीमत मिलाकर वो बमुश्किल 2 रुपये ही हासिल कर सके.
 उन्हें महज़ 2 रुपये का एक चेक मिला है. साथ ही जो चैक मिला उसकी तारिक 8 मार्च 2023 लिखी हे।
 ऐसे ही नासिक के किसान सुनील बोरगुडे को भी बाज़ार में अपने प्याज का बहुत कम दाम मिला. इससे नाराज़ होकर सुनील ने अपनी 2 एकड़ की प्याज की खेती पर ट्रैक्टर चला दिया.।
साथी किसान और गांव के लोगो ने उनको रोकने की कोशिश की पर वो इस कीमत को लेकर काफी आहत हुवे,
रोजेंद्र चव्हाण ने केंद सरकार को राज्य सरकार से अपील की की  वो किसान के मुद्दो पे ध्यान दे,
अगर ऐसा ही बाजार में भाव रहेगा तो किसान के ऊपर कर्जा और बड जायेगा, ओर किसान आत्महत्या की ओर मजबूर हो जायेगा।
प्याज की खेती करने से लेकर उसे बाजार तक ले जाने तक का खर्चा 15 रु/किलो लग जाता है।
इसे में किसान को मुनाफा तो कम मजदूर का भी पैसा नही मिल पाता ,
किसानों का कहना की केंद सरकार 10 रु/किलो के हिसाब से किसानों को प्याज की फसल पे सब्सिडी देना चाहिए।


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