Fennel Cultivation : फायदा ही फायदा ! सोफ की खेत कर किसान कम खर्च में बन रहे लखपति |

Fennel Cultivation:

Saunf Ki Kheti: किसान सौंफ की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. रेतीली भूमि को छोड़कर इसकी खेती हल्की जमीन जमीन पर की जा सकती है. मिट्टी का पीएच मान 6.6 और 8.0 इसकी खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है. इसके अच्छे पैदावार के लिए 20 से 30 डिग्री का तापमान होना बेहद जरूरी माना जाता है.
ये फसल सबसे कम खर्च वाली फसल हे जो लगभग 6से 7 महीने में पैसा दे कर जाति ही 

 याद रखे सोफा को काली और भारी जमीन में नही लगा सकते कारण जानने के लिए पूरा पोस्ट देखे।

मसाला फसलों में सौंफ का अपना विशिष्ट स्थान है। ये अपनी खुशबू के कारण लोकप्रिय होने के साथ ही औषधी के रूप में भी पहचानी जाती है। इसका सब्जियों में प्रयोग होने के साथ ही आचार बनाने में भी किया जाता है। यदि इसके औषधीय महत्व की बात करें तो इसे कई रोगों में दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।साथ ही पान मसाला में भी इसका प्रयोग अत्यधिक मात्रा में किया जाता है, आयुर्वेद में सौंफ को त्रिदोष नाशक बनाया गया है। यानि ये वात, पित्त, कफ इन त्रिदोषों को खतम करने में सक्षम है। इसका किसी भी रूप में सेवन शरीर को लाभ ही पहुंचाता है। पर याद रखें इसका आवश्यकता से अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी खेती भारत में मुख्यत: राजस्थान, पंजाब, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश व कर्नाटक राज्य में की जाती है। यदि व्यवसायिक स्तर पर इसकी खेती की जाए तो काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। 
सोफ की खपत शादियों के सीजन में भी अत्यधिक किया जाता है, ओर होटल पे भी खाने के बाद इसको खाया जाता है,
इस तरह की मिट्टी का करें चुनाव

किसान सौंफ की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. रेतीली भूमि को छोड़कर इसकी खेती हल्की ओर कम उपजाव भूमि में इसकी खेती की जा सकती है , ज्यादा भारी जमीन जैसे की काली मिट्टी हो और जल निकासी नही हो उस खेत में इसकी खेती ना ही करे तो अच्छा है, क्यों की इसकी जड़ बहुत नाजुक होती ही ,जिसमे आसानी से फंगस लग सकता है, ओर साथी हो इसमें विल्ट की समस्या आती ही, ओर सोफ के पौधे मरने लगते है, इसको हल्की जमीन चाहिए ,जिसमे पानी का रिसाव कम होता है ,ओर मुरूम और पहाड़ी वाली जगह पे इसका पोधा स्वस्थ रहता हे,

ऐसे करें खेत तैयार
सौंफ की बुवाई के पहले किसान खेतों की तैयारी अच्छे से कर लें. सबसे पहले किसान खेतों की एक या दो जुताई कर लें. फिर रोटा वेटर लगाकर मिट्टी को भुरभुरी कर खेत को समतल कर सुविधानुसार बना लेनी चाहिए. इन सबसे पहले बीजों के माध्यम से पौधशाला में सौंफ के पौधे तैयार कर लें. फिर इनकी खेतों में रोपाई कर दें. ओर अगर सीधे बीज लगाना चाहते हो तो 3 या4 सोफ के बीज को लगाए हो ,

पोधा लगने का सही तरीका और समय:
इस फसल को लगने का सही समय जुलाई ओर अगस्त का महीना हे
 अगर आप सोफ की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हो तो कुछ बातो का विसेस धयान दे:
: आप लाइन से लाइन की दूरी 5 फिट रेख,ओर पोध से पोध की दूरी 1 से 1.5 फिट रखे,
ऐसा करने का फायदा ये हे की एक तो आप का पोधा अच्छा बनेगा और साथ ही उसमे बीमारी यानी रोग किट और फगश बहुत कम आएगा,
ओर पौधे को कम खर्चा लगेगा ,जिसे आप को अधिक फायदा होगा

इस वक्त करें कटाई

सौंफ के अम्बेल जब पूरी तरह विकसित होकर और बीज पूरी तरह जब पककर जाए तभी कटाई करनी चाहिए. कटाई के बाद इसे एक से दो दिन खेतों में सूखने में रख दें. इसके बाद 8 से 10 दिन इसे छायादार जगहों पर सूखाना चाहिए. इससे सौंफ का हरा रंग बरकरार रहेगा. 

खाद प्रबंधन:
सोफ में खाद बहुत कम लगता है एक बोरी यूरिया खाद पौधे के सुरु की अवस्था में लगता है जब पोधा 1 से 1.5 महीने का होता है ,ओर उसी समय एक फंगी साइड का स्प्रे लगता है , ओर जब पोधा वयस्क अवस्था का होता है तब एक बोरी डीएपी खाद लगता है , अंत में जब पौधे में फल ओर बीज विकशित होता है तब पोटाश खाद 1 बोरी प्रति एकड़ लगता है,
पानी प्रबंधन
सोफ की खेती में अगर आप ड्रिप में माध्यम से करते हो तो आप को बहुत कम पानी लगेगा,
महीने में 2 या 3 बार ,3 से 4 घंटा पानी देना चाहिए,
ओर अगर आप क्यारी बना के पानी देते हो तो एक महीने में 2 बार पानी देना चाहिए।

इतना रहेगा मुनाफा

अगर आप एक एकड़ में सौंफ की खेती करते हैं तो आराम से 2 लाख तक का मुनाफा हासिल हो जाएगा. इस दौरान लागत ज्यादा से 25 से 30 हजार रुपए आएगी. जितने बड़े क्षेत्र में आप खेती करेंगे उतना ही मुनाफा बढ़ता जाएगा. उदाहरण के तौर पर अगर आप 10 एकड़ में सौफ की खेती करते हैं तो ये मुनाफा सालाना 20 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा.


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